Total Pageviews
Contributors
Rate me at Blogadda!
Popular Posts
-
Date Published : March 3, 2015 Publisher : Self-published at Smashwords Pages : 292 Source : Review copy provided by Devika...
-
Book Review –Kansa, Professor Black Triology by Kevin Prassant Published Year:2016 Publication: Inked Company Pages: 398 Genre: ...
-
Title: When Life Turns Turtle Author: Raj Supe Pages: 467 Publisher: Leadstart Publishing Genre: Spiritual Fiction Rating: Cover: 4...
-
Date Published : February 4, 2015 Publisher : Jaico Pages : 404 Source : Review copy provided by Blogadda Format : Paperb...
-
The Untold Tales: Love and Other Demons by Paras Publication- Lab Academia Publication Published Year- 2021 Genre- Fiction sh...
-
Date Published : November, 2014 Pages : 262 Source : Review copy provided by Jyoti Arora Format : Kindle Edition ...
-
The Code of Manavas by Arpit Bakshi Book name- The Code of Manavas Author name- Arpit Bakshi Publi...
-
Date Published : March 16, 2015 Publisher : Patridge Publishing Pages : 180 Source : Review copy provided by Nikitha Hing...
-
Date Published : 8 March, 2015 Publisher : Romour Books India Pages: 158 Source : Review copy provided by Siddhartha Gar...
Blog Archive
-
▼
2017
(38)
-
▼
October
(6)
- The Colours of Passion Reviewed by Aditi Srivastava
- Rooh Se Rooh Tak Reviewed by Aditi Srivastava
- I Wear The Smile You Gave Reviewed by Aditi Srivas...
- Why Should I Love You Reviewed by Aditi Srivastava
- The Hidden Spark Reviewed by Aditi Srivastava
- Secrets, Sins and Struggles Reviewed by Aditi Sriv...
-
▼
October
(6)
Powered by Blogger.
Tuesday, 17 October 2017
Rooh se Rooh Tak by Vinit K Bansal
Published Year- 2017
Publicaton- Vani Prakhashan
Pages- 192
Genre- Fiction/Hindi
Format- Paperback/Kindle
Synopsis
गर ना समझें तो यह महज़ एक कहानी है, एक किताब है... बाकी और किताबों की तरह, जिसे आप पढ़ते हैं और भूल जाते हैं। समझें तो एक कोशिश... उस शय को समझने की जिसे लोग प्यार कहते हैं। आखिर क्या है इस एक अदने से शब्द में जिसे समझने के लिए लाखों कहानियां गढ़ी गई, कही गई और सुनी गई। लेकिन इसे समझने की कोशिश अभी भी जारी है।
कहानी की शुरूआत होती है नील से। किस तरह से एक छोटे से शहर का सीधा-साधा सा लड़का यूनिवर्सिटी में आता है और उसकी चकाचौंध में खो जाता है। पहले ही दिन उसकी मुलाकात होती है रणवीर से – यूनिवर्सिटी का सबसे रूआबदार लड़का।
दोनों दोस्ती से कुछ आगे बढ़कर एक दुसरे को भाई समझने लगते है। इसी बीच नील को प्यार हो जाता है – सच्चा प्यार, अदिती से। प्यार रणबीर को भी होता है – रिया से, लेकिन एकतरफा प्यार। परिस्थितियां कुछ यूं करवट लेती हैं कि रिया आत्महत्या कर लेती है और जाने से पहले अपनी हत्या का इल्ज़ाम लगा जाती है नील पर।
क्या नील रणबीर को अपने बेगुनाह होने का यकीन दिलवा पाता है?
क्या होता है जब आपका सबसे अच्छा दोस्त आपका सबसे बड़ा दुश्मन बन जाता है?
क्या होता है जब प्यार सनकपन की सभी हदें पार कर जाता है?
क्या होता है जब आपको प्यार और ज़िंदगी में से किसी एक को चुनना पडता है?
कहानी या यूं कहें की कोशिश जारी रहती है प्रेम के सबसे सच्चे और सुच्चे स्वरूप को जानने की। क्या नील और अदिती का प्रेम उस स्वरूप को हासिल कर पाता है? क्या दोनों एक हो पाते हैं?
जवाब आपके हाथों में है – “रूह से – रूह तक”
मेरे विचार
Published Year- 2017
Publicaton- Vani Prakhashan
Pages- 192
Genre- Fiction/Hindi
Format- Paperback/Kindle
Synopsis
गर ना समझें तो यह महज़ एक कहानी है, एक किताब है... बाकी और किताबों की तरह, जिसे आप पढ़ते हैं और भूल जाते हैं। समझें तो एक कोशिश... उस शय को समझने की जिसे लोग प्यार कहते हैं। आखिर क्या है इस एक अदने से शब्द में जिसे समझने के लिए लाखों कहानियां गढ़ी गई, कही गई और सुनी गई। लेकिन इसे समझने की कोशिश अभी भी जारी है।
कहानी की शुरूआत होती है नील से। किस तरह से एक छोटे से शहर का सीधा-साधा सा लड़का यूनिवर्सिटी में आता है और उसकी चकाचौंध में खो जाता है। पहले ही दिन उसकी मुलाकात होती है रणवीर से – यूनिवर्सिटी का सबसे रूआबदार लड़का।
दोनों दोस्ती से कुछ आगे बढ़कर एक दुसरे को भाई समझने लगते है। इसी बीच नील को प्यार हो जाता है – सच्चा प्यार, अदिती से। प्यार रणबीर को भी होता है – रिया से, लेकिन एकतरफा प्यार। परिस्थितियां कुछ यूं करवट लेती हैं कि रिया आत्महत्या कर लेती है और जाने से पहले अपनी हत्या का इल्ज़ाम लगा जाती है नील पर।
क्या नील रणबीर को अपने बेगुनाह होने का यकीन दिलवा पाता है?
क्या होता है जब आपका सबसे अच्छा दोस्त आपका सबसे बड़ा दुश्मन बन जाता है?
क्या होता है जब प्यार सनकपन की सभी हदें पार कर जाता है?
क्या होता है जब आपको प्यार और ज़िंदगी में से किसी एक को चुनना पडता है?
कहानी या यूं कहें की कोशिश जारी रहती है प्रेम के सबसे सच्चे और सुच्चे स्वरूप को जानने की। क्या नील और अदिती का प्रेम उस स्वरूप को हासिल कर पाता है? क्या दोनों एक हो पाते हैं?
जवाब आपके हाथों में है – “रूह से – रूह तक”
मेरे विचार
रूह से रूह तक कहानी वीनीत बंसल द्वरा लिखी गयी है। यू तो मैंने लेखक द्वारा उनकी दो उपन्यास
पड़े हैं जो कि अंग्रेजी मैं प्रकाशित थी। यह कहना बिल्कुल सही नही होगा कि, लेखक ने
दोनो भाषाओं को बहुत ही गहराई से अध्यन किया है।
रूह से रूह तक का सफर बहुत ही रोमांचक अनुभव होता, हर पल कहानी उत्सुकता की ओर बढ़ती ही
जाती हैं और पढ़ने वाले का मन जिज्ञासा से भर जाता है। कैसे दो प्यार करने वाले दूर हो कर भी एक
हो जाते है। कहानी मैं चार प्रमुख पात्र हैं – अदिति, रिया, नील और रणदीप।
माध्यम वर्ग और एक धनवान वर्ग की मित्रता दर्शायी गयी है। दोनों वर्गो मैं अंतर होने पर भी
एक दूसरे के लिए प्यार त्याग और बलिदान दिया गया है । जहाँ एक ओर रणदीप अमीर ज़्यादा होते हुए
भी एक अच्छा इंसान था । चारों की ज़िंदगी मे सब कछ सही चल रहा था परफिर एक गलत निर्णय ने
चारो को अलग अलग करदिया।
कहानी ने दोस्ती और प्यार के दो पहलू दिखये है। एक इंसान कैसे अच्छा होते हुए भी अपनी
इंसानियत मार देता है वही दूसरी ओर कैसे ज़नज़रिरो के पीछे होते हुए भी प्यार अमर रहता है।
कहानी का हर पात्र बहुत खूबसूरती से लिख्या गया है, शिक्षक भी कहानी के अनुसार हैं।
जिन लोगो को किताबो का शौक़ है तथा हिंदी भाषा मे रुचि रखते है उन्हें ये पुस्तिका ज़रूर
पढ़नी चाहिए।
मैं इस कहानी और लेखक की लिखने की कला शैली को 3.5/5 अंक देना चाहूंगी।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment